जीवन स्थिर नहीं है – ओशो
आपकी दृष्टि हमेशा बदलती रहती है, स्थिर नहीं है। तो आज इस क्षण में, महावीर और कृष्ण, मोहम्मद और क्राइस्ट इनके बारे में आपके क्या विचार हैं, क्या दृष्टि हैं? जीवन स्थिर नहीं है। अस्तित्व में सिर्फ एक चीज…
हमारे दो हिस्से हैं, एक हमारा स्वभाव, जो मैं हूं| और एक मेरे कर्म का जगत, जो मैं करता हूं |
यह बहुत कठिन सूत्र है। अगर इसकी पहली व्याख्या–जैसा कि आमतौर से की जाती है–की जाए, तो एकदम साधारण सूत्र है। लेकिन मैं जो इसमें देखता हूं, वह बहुत असाधारण है। तो उसे थोड़ा पकड़ने में दिक्कत पड़ेगी। आदमी…
आप अपना भाग्य बना सकते हैं! – सद्गुरु
सब के साथ, आप बेहोशी से अपने भाग्य को आकार दे रहे हैं। लेकिन आप इस पर भी काम कर सकते हैं। यदि आप अपने मूल तक पहुंचने का प्रयास करते हैं और महसूस करते हैं कि सब कुछ…
रोज़ाना ध्यान में कुछ समय बिताएं
बहुत से लोग महसूस करते हैं कि जीवन बहुत जल्दी से गुज़र रहा है। हम एक सीजन से अगले सीजन में जाते हैं और आश्चर्य करते हैं कि समय कहाँ चला गया। दिन, महीनों और साल जबरदस्त गति से उड़ते…
जीवन का लक्ष्य क्या है?
यह प्रश्न तो बहुत सीधा-सादा मालूम पड़ता है, लेकिन शायद इससे जटिल और कोई प्रश्न नहीं है। और प्रश्न की जटिलता यह है कि इसका जो भी उत्तर होगा, वह गलत होगा। इस प्रश्न का जो भी उत्तर होगा, वह…
हम परिस्थिति को कैसे लेते हैं – एक प्रेरक कहानी
कोरिया की एक भिक्षुणी, एक संन्यासिनी एक रात एक गाँव में भटकी हुई पहुँची। रास्ता भटक गयी थी, जिस गाँव पहुँचना चाहती थी, वहाँ न पहुँच कर दूसरे गाँव पहुँच गयी ! उसने जाकर एक द्वार पर दरवाजा खटखटाया। आधी…
प्रत्येक बच्चा आनंद लेकर पैदा होता है
प्रत्येक बच्चा आनंद लेकर पैदा होता है; और बहुत कम बूढ़े हैं जो आनंद लेकर विदा होते हैं। जो विदा होते हैं उन्हीं को हम बुद्ध कहते हैं। सभी यहां आनंद लेकर जन्मते हैं;आश्र्चर्य विमुग्ध आंखें लेकर जन्मते हैं; आह्लाद…
सब खेल उसका, सब द्वंद्व उसके, सारी लीला उसकी।
मैंने सुना है, एक पत्थरों की ढेरी लगी थी एक राजमहल के पास, एक बच्चा खेलता हुआ निकला, उसने एक पत्थर उठाकर राजमहल की खिड़की की तरफ फेंका। फेंका तो बच्चे ने था, लेकिन पत्थर का भी अहंकार होता है।…
सद्गुरु उद्धरण
हम में से कई को कुछ या कुछ 'अनुभव' मांगकर खुशी मिल रही है जो हमें खुश करेगी। जॉय हमेशा भविष्य में मौजूद प्रतीत होता है। लेकिन अगर हम बारीकी से देखते हैं, तो हम पाएंगे कि कुछ ऐसे हैं…
जीवन में एक ही बात सीखने जैसी है और वह है जागना
जापान में एक राजा ने अपने युवा लड़के को एक फकीर के पास भेजा। फकीर गांव में आया था, राजधानी में और फकीर ने कहा था, जीवन में एक ही बात सीखने जैसी है और वह है जागना। उस राजा…