जीवन स्थिर नहीं है – ओशो
आपकी दृष्टि हमेशा बदलती रहती है, स्थिर नहीं है। तो आज इस क्षण में, महावीर और कृष्ण, मोहम्मद और क्राइस्ट इनके बारे में आपके क्या विचार हैं, क्या दृष्टि हैं? जीवन स्थिर नहीं है। अस्तित्व में सिर्फ एक चीज…
हमारे दो हिस्से हैं, एक हमारा स्वभाव, जो मैं हूं| और एक मेरे कर्म का जगत, जो मैं करता हूं |
यह बहुत कठिन सूत्र है। अगर इसकी पहली व्याख्या–जैसा कि आमतौर से की जाती है–की जाए, तो एकदम साधारण सूत्र है। लेकिन मैं जो इसमें देखता हूं, वह बहुत असाधारण है। तो उसे थोड़ा पकड़ने में दिक्कत पड़ेगी। आदमी…
एक समस्या भी कोई व्यक्ति हल कर ले, उसकी सारी समस्याएं हल हो जाती हैं – ओशो
जीवन की सारी समस्या इस एक बात में ही छिपी है कि जब तुम हल कर सकते हो तब तुम हल नहीं करते। जब बात को रोक देना आसान था तब तुम बढ़ाए चले जाते हो। और जब बात सीमा…
जन्म से कोई बुद्ध नही होता! बुद्धत्व तो एक यात्रा है!!
मनुष्य एक संभावना है, सत्य नहीं; बीज है, फूल नहीं। फूल हो सकता है, पर होने की कोई अनिवार्यता नहीं। बीज बीज की भांति मर भी सकता है। बीज बीज की भांति सड़ भी सकता है। सभी बीज फूल…
The vulture and the little girl – गिद्ध और छोटी लड़की
यह तस्वीर याद है आपको? इसे नाम दिया गया था “The vulture and the little girl ” । इस तस्वीर में एक गिद्ध भूख से मर रही एक छोटी लड़की के मरने का इंतज़ार कर रहा है । इसे…
आप अपना भाग्य बना सकते हैं! – सद्गुरु
सब के साथ, आप बेहोशी से अपने भाग्य को आकार दे रहे हैं। लेकिन आप इस पर भी काम कर सकते हैं। यदि आप अपने मूल तक पहुंचने का प्रयास करते हैं और महसूस करते हैं कि सब कुछ…
रोज़ाना ध्यान में कुछ समय बिताएं
बहुत से लोग महसूस करते हैं कि जीवन बहुत जल्दी से गुज़र रहा है। हम एक सीजन से अगले सीजन में जाते हैं और आश्चर्य करते हैं कि समय कहाँ चला गया। दिन, महीनों और साल जबरदस्त गति से उड़ते…
जवान रहना है तो मौन हो जाओ? –आइंस्टीन की क्रांतिकारी खोज
अल्बर्ट आइंस्टीन ने खोज की और निश्चित ही यह सही होगी, क्योंकि अंतरिक्ष के बारे में इस व्यक्ति ने बहुत कठोर परिश्रम किया था। उसकी खोज बहुत गजब की है। उसने स्वयं ने कई महीनों तक इस खोज को अपने…
जीवन का लक्ष्य क्या है?
यह प्रश्न तो बहुत सीधा-सादा मालूम पड़ता है, लेकिन शायद इससे जटिल और कोई प्रश्न नहीं है। और प्रश्न की जटिलता यह है कि इसका जो भी उत्तर होगा, वह गलत होगा। इस प्रश्न का जो भी उत्तर होगा, वह…
हम परिस्थिति को कैसे लेते हैं – एक प्रेरक कहानी
कोरिया की एक भिक्षुणी, एक संन्यासिनी एक रात एक गाँव में भटकी हुई पहुँची। रास्ता भटक गयी थी, जिस गाँव पहुँचना चाहती थी, वहाँ न पहुँच कर दूसरे गाँव पहुँच गयी ! उसने जाकर एक द्वार पर दरवाजा खटखटाया। आधी…