जीना पड़ेगा उस मार्ग पर, जहां से जीवन जाता है और वह मार्ग है जागरुकता – ओशो
जापान में एक राजा ने अपने युवा लड़के को एक फकीर के पास भेजा। फकीर गांव में आया था, राजधानी में और फकीर ने कहा था, जीवन में एक ही बात सीखने जैसी है और वह है जागना। उस राजा…
ध्यान को स्थिर करने के लिए एक सरल साधना – सद्गुरु
किसी खास दिशा में ध्यान स्थिर रखने के लिए सबसे पहले उन सभी गलत और मिथ्या धारणाओं को खत्म करना होगा, जो हमारे भीतर बनी हुई हैं। इसका मतलब हुआ कि अपने हर विश्वास को उठाकर एक तरफ रख…
भय से जो व्यवस्था आती है, वह कोई व्यवस्था नहीं है
नसरुद्दीन को एक दफा तैमूरलंग ने बुलाया। तैमूर तो खतरनाक आदमी था। सुना उसने कि नसरुद्दीन की बड़ी प्रसिद्धि है, बड़ा ज्ञानी है और अजीब ही तरह का ज्ञानी था। ज्ञानी होते भी तब ही हैं, जब थोड़े अजीब तरह…
जीवन जल रहा है – ओशो
एक अमावस की गहरी अंधेरी रात्रि की बात है और एक छोटे से गांव की घटना। आधी रात्रि बीत गई थी और सारा गांव नींद में डूबा हुआ था। कुत्ते भी भौंक-भौंक कर सो गए थे कि अचानक एक झोपड़े…
ज्ञानी ज्ञान से और इच्छादि से मुक्त करते हैं
बहाउद्दीन एक सूफी फकीर हुआ। जिस महानगरी में वह था, उसका सबसे बड़ा धनी व्यक्ति बहाउद्दीन के पास आता था और कहता था कि तुम सूर्य हो पृथ्वी पर! अंधेरा तुम्हें देख कर दूर हट जाता है! बहाउद्दीन हंसता था।…
पूर्वभव की स्मृति – ओशो
अंग्रेजी में एक शब्द है: देजावुह। उसका अर्थ होता है: पूर्वभव की स्मृति का अचानक उठ आना। कभी-कभी तुम्हें भी देजावुह होता है। कल रात ही एक युवा संन्यासी मुझसे बात कर रहा था। उसने बार-बार मुझे पत्र लिखे,…
मौत धर्म की जन्मदात्री है।
नचिकेता के बाप ने बड़ा यज्ञ किया है। और वह बांट रहा है यज्ञ के बाद ब्राह्मणों को। नचिकेता बैठा है—छोटा सा नचिकेता! जरा सा बच्चा है। जिज्ञासाएं उसे उठती हैं। छोटा बच्चा है। बाप तो पुराना घाघ है, अनुभवी…
हम सबको खोजने चलते हैं, प्रभु को छोड़कर।
अठारह सौ अस्सी में यूरोप में अल्तामिरा की गुफाएं खोजी गईं और उन गुफाओं की खोज के वक्त एक बहुत मजेदार घटना घटी। एक बहुत बड़े जमींदार डान मार्शिलानो की जमीन पर अचानक पहाड़ियों में ये गुफाएं मिल गईं। एक…
रोने- रोने में फर्क है। दर्द – दर्द में भेद है
लोग समझने लगे कि परमात्मा की तरफ जाने का मतलब बड़े उदास होकर जाना, मुर्दा होकर जाना, लाश की तरह जाना। रोने- रोने में फर्क है। दर्द – दर्द में भेद है। एक तो रोना है जो दु:ख से निकलता…
जिंदगी-ओशो
एक गांव के पास एक बहुत सुंदर पहाड़ था। उस सुंदर पहाड़ पर एक मंदिर था। वह दस मील की ही दूरी पर था और गांव से ही मंदिर दिखाई पड़ता था। दूर-दूर के लोग उस मंदिर के दर्शन करने…