आदमी अकेला उसके खिलाफ लड़ता है। इसलिए थकता है, टूटता है, जराजीर्ण होता है। अगर जीवन एक संघर्ष है तो यह होगा ही।
संसार की पूरी दौड़ के बाद आदमी के चेहरे को देखो, सिवाय थकान के तुम वहां कुछ भी न पाओगे। मरने के पहले ही लोग मर गए होते हैं। बिलकुल थक गए होते हैं। विश्राम की तलाश होती है कि…
जो मांगता ही चलता है….
एक शहर में एक नई दुकान खुली। जहां कोई भी युवक जाकर अपने लिए एक योग्य पत्नी ढूंढ़ सकता था। एक युवक उस दुकान पर पहुंचा। दुकान के अंदर उसे दो दरवाजे मिले। एक पर लिखा था, युवा पत्नी; और…