नियमित ध्यान – ध्यान करना न छोड़ें
यहां तक कि अगर आपको भोजन करना छोड़ना पड़े, तो छोड़ दें … लेकिन ध्यान करना न छोड़ें !!
आप जितने अधिक नियमित होंगे ध्यान के लिए, उतनी अधिक गहराई आप प्राप्त करेंगे।
ध्यान ऐसी नाजुक घटना है कि.. इसके प्रगाढ़ होने में महीनों लगते हैं लेकिन उपेक्षा से सिर्फ कुछ दिनों में ही एक कोमल पुष्प की भांति कुम्हलाने लगता है !
ध्यान को बहुत नियमितता, निरंतरता की आवश्यकता होती है। एक दिन नींद थोड़ी कम ले लेंगे तो आप ज्यादा कुछ नहीं खोते हैं। बगैर नींद के कोई भी पांच से सात दिन तक रह सकता है। अगर आप एक वक्त के भोजन से चूक जाते हैं तो भी ठीक है, आदमी तीन महीने तक भोजन के बिना जीवित रह सकता है। आप भोजन-पानी के बिना, कई दिनों तक जीवित रह सकते हैं। आपके जरूरी काम..??? वे इतने भी जरूरी नही होते कि आपको ध्यान करने का समय ही ना मिले, लेकिन आपका मन आपको बताता है की ये काम बेहद जरूरी है।आम तौर पर लोग इस तरह की छुद्र चीजों को ही ज्यादा महत्व देते हैं। और सोचते हैं कि एक-दो दिन ध्यान नही भी करेंगे तो क्या हर्जा है ??
लेकिन यह याद रखें, कि यदि आप अपनी दिनचर्या के छोटे-बड़े काम, कुछ समय, या कुछ दिन के लिए टाल भी दें तो कुछ भी बिगड़ने वाला नही है। कुछ खोनेवाला नही है जितना कि आप सोचते हैं। लेकिन ध्यान के माध्यम से आप चेतना के उन स्वर्णिम शिखरों को जान पायेंगे, जो अभी आपकी कल्पना के परे है। विडंबना ये है जब तक आप ध्यान में नहीं उतरते हैं, तब तक आप जान भी नही पाएंगे कि अब तक के जीवन में, आपने क्या खोया है। आप वास्तव में नहीं जान पाएंगे कि आपने क्या खो दिया है। लोगों का सबसे बड़ा दुर्भाग्य यही है कि उन्हें पता ही नहीं चलता कि उन्होंने क्या खोया है। खोने के अलावा, लोगों को कभी पता ही नहीं चलता कि वे जीवन में क्या हासिल करना चाहते थे, वे इसके बारे में कभी सजग ही नहीं होते।
ध्यान आपकी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।
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