ओशो के विचार
October 12, 2018
मोक्ष शब्द भी समझने जैसा है। इसका अर्थ है, दूसरे से मुक्ति। काम में पड़ो, तो दूसरे में बंधना पड़ता है। यही तो पीड़ा है प्रेम की। दूसरे के बिना हल नहीं होता। और जिसके बिना हल नहीं होता, उस पर क्रोध आता है। इसीलिए पति-पत्नी लड़ते हैं, लड़ते ही रहेंगे। इस लड़ने को बचाया नहीं जा सकता। इसका यह मतलब मत समझना कि पत्नी बुरी है या पति बुरा है। न, इससे व्यक्तियों का कुछ लेना-देना नहीं है। यह काम का स्वभाव है, प्रेम का स्वभाव है कि दूसरे पर निर्भर होना पड़ता है; और हम स्वतंत्रता चाहते हैं–निर्भरता कोई नहीं चाहता।
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