शिव का व्यक्तित्व
शिव के व्यक्तित्व में हमने समस्त शक्तियों को स्थापित किया है। अमृत है उनका जीवन।. मृत्युंजय हैं वह, लेकिन जहर उनके कंठ में है। इसलिए नीलकंठ हम उनको कहते हैं। उनके कंठ में जहर भरा हुआ है। जहर पी गये…
सोचना-विचारना और जीना- ओशो
मनुष्य का विकास मस्तिष्क की तरफ हुआ है। मनुष्य मस्तिष्क से भरा है गौतम बुद्ध की वाणी अनूठी है। और विशेषकर उन्हें, जो सोच-विचार, चिंतन-मनन, विमर्श के आदी हैं। हृदय से भरे हुए लोग सुगमता से परमात्मा की तरफ चले…
अच्छी यादों का मज़ा लें, देखें क्या होता है
जैसे-जैसे हम बड़े होते जाते हैं, हमारी यादों का खजाना बढ़ता जाता है। हमारी यादें जीवन की हर चीज की तरह अच्छे और बुरे, सकारात्मक और नकारात्मक का संगम होती हैं। यादें अतीत के अनुभवों के एक भंडार से…
ऐसी क्या बात थी बुद्ध में कि आज असंख्य लोग उनकी वंदना करते हैं
बुद्ध कितने सरल दिखते हैं, तन पर एक मात्र वस्त्र, हाथ में एक मात्र भिक्षापात्र। पर ऐसी क्या बात थी उनमें कि आज असंख्य लोग उनकी वंदना करते हैं। असंख्य लोग उनके पथ का अभ्यास करते हैं। ऐसी क्या बात…
लाओत्से और गुरजिएफ की अद्भुत साधना
झेन फकीर अपने साधकों से कहते रहे हैं, जब भी कोई साधक आएगा, तो झेन फकीर उससे कहते हैं कि तू ब्रह्म और आत्मा की बात मत कर। कुछ दिन हम तुझसे जो कहते हैं, वह कर। लकड़ी फाड़, पानी…
जितने लोगों को पिछले जन्म की याद आती है, वे अधिकतर हिंदू घरों में ही क्यों पैदा होते हैं?
हिंदू जलाते हैं शरीर को। क्योंकि जब तक शरीर जल न जाए, तब तक आत्मा शरीर के आसपास भटकती है। पुराने घर का मोह थोड़ा सा पकड़े रखता है। तुम्हारा पुराना घर भी गिर जाए तो भी नया घर बनाने…
क्रांतिकारी और अद्भुत संत – कबीर
यह कबीर के संबंध में पहली बात समझ लेनी जरूरी है। वहां पांडित्य का कोई अर्थ नहीं है। कबीर खुद भी पंडित नहीं हैं। कहा है कबीर ने: मसि कागज छूयौ नहीं, कलम गही नहिं हाथ।’-कागज कलम से उनकी कोई…
हर दिन आनंद है हर दिन त्यौहार है
हमारे पास कुछ उत्सव के दिन हैं। साल में एक बार हम दिवाली मनाते हैं, रोशनी का त्योहार, और अंधेरे में कई दीपक प्रकाश डालते हैं। लेकिन हमारा जीवन सूखा और सुस्त है; और ऐसा इसलिए है क्योंकि ऐसा इसलिए…
एक पेंटर की भलाई
एक आदमी ने एक पेंटर को बुलाया अपने घर, और अपनी नाव दिखाकर कहा कि इसको पेंट कर दो ! वह पेंटर पेंट ले क र उस नाव को पेंट कर दिया, लाल रंग से जैसा कि नाव का मालिक…
पूरे को पाने के लिए पूरे चुकाना पड़ता है.- ओशो
जीवन में एक ही आनंद है, वह परमात्मा से मिलने का आनंद है। और भी जो आनंद कभी आनंद जैसे मालूम पड़ते हैं, जाने-अनजाने परमात्मा से मिलने के कारण ही होते हैं। सुबह सूरज उगता है; प्राची पर लाली फैल जाती है; पक्षी गीत…