निर्णय हमारे वश में है
मान लीजिए आप चाय का कप हाथ मे लिए खड़े हैं और कोई आपको धक्का दे देता है,तो क्या होता है ?आपके कप से चाय छलक जाती है। अगर आप से पूछा जाए कि आप के कप से चाय क्यों…
अहंकार को मारने का उपाय – ओशो
इसे खूब गहराई में पकड़ लो, क्योंकि यही चाबी है, जो लगती है। अहंकार अगर हो, तो क्रोध पैदा होता है। अहंकार अगर हो, तो मोह पैदा होता है। अहंकार अगर हो, तो लोभ पैदा होता है। अहंकार न हो,…
प्रत्येक बच्चा आनंद लेकर पैदा होता है
प्रत्येक बच्चा आनंद लेकर पैदा होता है; और बहुत कम बूढ़े हैं जो आनंद लेकर विदा होते हैं। जो विदा होते हैं उन्हीं को हम बुद्ध कहते हैं। सभी यहां आनंद लेकर जन्मते हैं;आश्र्चर्य विमुग्ध आंखें लेकर जन्मते हैं; आह्लाद…
प्रेम का अर्थ – ओशो
प्रेम सौ बिमारियों का एक ईलाज है , बस प्रेम मे डूबो ,प्रेम में डूबो ,और प्रेम में ही डूबो। तुम कुछ मत करो, सिर्फ प्रेम कर लो.. प्रेम का सार सूत्र क्या है– कि जो तुम अपने लिए चाहते…
एक कौए और हाथी की लाश
नदी में हाथी की लाश बही जा रही थी। एक कौए ने लाश देखी, तो प्रसन्न हो उठा, तुरंत उस पर आ बैठा। यथेष्ट मांस खाया। नदी का जल पिया। उस लाश पर इधर-उधर फुदकते हुए कौए ने परम तृप्ति…
जीवन के सब रहस्य उसकी पूर्णता में हैं – ओशो
आज से एक हजार साल पहले सेलवीसियस नाम का एक ईसाई, कैथोलिक फकीर हिंदुस्तान आया। सेलवीसियस बहुत अदभुत आदमियों में से एक था। और बाद में वह कैथोलिक चर्च का पोप बना, हिंदुस्तान से लौटने के बाद। और जितने पोप…
बिल्ली भर मत पालना – एक अनोखी कथा
एक व्यक्ति मरने के करीब था। उसने अपने शिष्य से कहा कि देख, बिल्ली भर मत पालना। मरते वक्त! शिष्य ने पूछा, गुरुदेव, इस सूत्र का अर्थ भी समझा जाइए! किससे पूछूंगा? वेद के ज्ञाता हैं, उपनिषद के ज्ञाता हैं,…
सब खेल उसका, सब द्वंद्व उसके, सारी लीला उसकी।
मैंने सुना है, एक पत्थरों की ढेरी लगी थी एक राजमहल के पास, एक बच्चा खेलता हुआ निकला, उसने एक पत्थर उठाकर राजमहल की खिड़की की तरफ फेंका। फेंका तो बच्चे ने था, लेकिन पत्थर का भी अहंकार होता है।…
आदमी बीज की भांति पेैदा होता है – ओशो
मनुष्य के संबंध में एक बात समझ लेनी जरूरी है: और सारे पशु पूरे के पूरे पैदा होते हैं, आदमी बीज की भांति पैदा होता है, पूरा का पूरा पैदा नहीं होता। यह आदमी की गरिमा भी है और उसके…
रोने- रोने में फर्क है। दर्द – दर्द में भेद है
लोग समझने लगे कि परमात्मा की तरफ जाने का मतलब बड़े उदास होकर जाना, मुर्दा होकर जाना, लाश की तरह जाना। रोने- रोने में फर्क है। दर्द – दर्द में भेद है। एक तो रोना है जो दु:ख से निकलता…