कैलाश पर्वत की तलहटी में एक दिन होता है ‘एक माह’ के बराबर|
कैलाश की दिव्यता खोजियों को ऐसे आकर्षित करती रही है, जैसे खगोलविद आकाशगंगाओं की दमकती आभा को देखकर सम्मोहित हो जाते हैं। शताब्दियों से मौन खड़ा कैलाश संसार के पर्वतारोहियों और खोजियों को चुनौती दे रहा है लेकिन ‘महादेव के…
पूरे को पाने के लिए पूरे चुकाना पड़ता है.- ओशो
जीवन में एक ही आनंद है, वह परमात्मा से मिलने का आनंद है। और भी जो आनंद कभी आनंद जैसे मालूम पड़ते हैं, जाने-अनजाने परमात्मा से मिलने के कारण ही होते हैं। सुबह सूरज उगता है; प्राची पर लाली फैल जाती है; पक्षी गीत…
भारत के बाहर थाईलेंड में आज भी संवैधानिक रूप में राम राज्य है
भारत के बाहर थाईलेंड में आज भी संवैधानिक रूप में राम राज्य है l वहां भगवान राम के छोटे पुत्र कुश के वंशज सम्राट “भूमिबल अतुल्य तेज ” राज्य कर रहे हैं , जिन्हें नौवां राम कहा जाता है l…
एक योद्धा और चूहा की अद्भुत कहानी
मैंने सुना है, ऐसा हुआ, जापान में एक बहुत बड़ा योद्धा था। और योद्धा प्रासंगिक है यहां। उसकी तलवार चलाने की कला का कोई मुकाबला न था। जापान में उसकी धाक थी। उसके नाम से लोग कांपते थे। बड़े-बड़े तलवार…
जीवन एक वीणा एक संगीत
जीवन मिलता नहीं, निर्मित करना होता है। जन्म मिलता है, जीवन निर्मित करना होता है। इसीलिए मनुष्य को शिक्षा की जरूरत है। शिक्षा का एक ही अर्थ है कि हम जीवन की कला सीख सकें। एक कहानी मुझे याद आती…
जीवन में विरोधाभास
एक आदमी में हम देखते हैं कि वह चोर भी है, बेईमान भी है, फिर भी सफल हो रहा है। तो हमें बड़ी अड़चन होती है कि क्या मामला है? क्या भगवान चोरों और बेईमानों को सफल करता है? और…
जिस दिन ह्रदय – चक्र पर आएगी तुम्हारी ऊर्जा, तुम पाअोगे, भर गये तुम प्रेम से
जिस दिन ह्रदय – चक्र पर आएगी तुम्हारी ऊर्जा, तुम पाअोगे, भर गये तुम प्रेम से | तुम जहाँ भी उठोगे, बैठोगे, तुम्हारे चारों तरफ एक हवा बहने लगेगी प्रेम की | दूसरे लोग भी अनुभव करेंगे कि तुममें कुछ…
भोजन और काम ऊर्जा
तिब्बतियों के पास एक विशेष घंटा होता है, शायद आपमें से किसी ने देखा हो। वह घंटा ऐसा लटकाने वाला नहीं होता। बर्तन की तरह बड़ा होता है, और बजाने को उसके अंदर एक गोल डंडा घुमाकर चोट करनी पड़ती…
एक फ़क़ीर और धन कुबेर की रोचक कहानी
एक आदमी के पास बहुत धन था। इतना कि अब और धन पाने से कुछ सार नहीं था। जितना था, उसका भी उपयोग नहीं हो रहा था। मौत करीब आने लगी थी। न बेटे थे, न बेटियां थीं, कोई पीछे…
मनुष्य की त्रिमूर्ति -विज्ञान, काव्य और धर्म
यह मनुष्य की त्रिमूर्ति है–विज्ञान, काव्य, धर्म। ये मनुष्य के तीन चेहरे हैं। इन किसी एक चेहरे से मत बंध जाना। इन तीनों को जानना; और तीनों से मुक्त भी अपने को जानना। इन तीनों को जानना; और जानने वाला…