जीवन का लक्ष्य क्या है?
यह प्रश्न तो बहुत सीधा-सादा मालूम पड़ता है, लेकिन शायद इससे जटिल और कोई प्रश्न नहीं है। और प्रश्न की जटिलता यह है कि इसका जो भी उत्तर होगा, वह गलत होगा। इस प्रश्न का जो भी उत्तर होगा, वह…
हम परिस्थिति को कैसे लेते हैं – एक प्रेरक कहानी
कोरिया की एक भिक्षुणी, एक संन्यासिनी एक रात एक गाँव में भटकी हुई पहुँची। रास्ता भटक गयी थी, जिस गाँव पहुँचना चाहती थी, वहाँ न पहुँच कर दूसरे गाँव पहुँच गयी ! उसने जाकर एक द्वार पर दरवाजा खटखटाया। आधी…
जब तुम किसी के प्रेम में उतरते हो तभी जान पाते हो |
जब तुम किसी के प्रेम में उतर जाते हो–वह कोई भी हो, मित्र हो, मां हो, पति हो, पत्नी हो, प्रेयसी हो, प्रेमी हो, बच्चा हो, बेटा हो, तुम्हारी गाय हो, तुम्हारे बगीचे में खड़ा हुआ वृक्ष हो, तुम्हारे द्वार…
अहंकार को मारने का उपाय – ओशो
इसे खूब गहराई में पकड़ लो, क्योंकि यही चाबी है, जो लगती है। अहंकार अगर हो, तो क्रोध पैदा होता है। अहंकार अगर हो, तो मोह पैदा होता है। अहंकार अगर हो, तो लोभ पैदा होता है। अहंकार न हो,…
सुनहरा पत्ते
एक बार जब ज़ेन मास्टर जापान के राजा को बागवानी की कला सिखा रहा था। तीन साल के शिक्षण के बाद उन्होंने कहा, “अब मैं आऊंगा और अपने बगीचे को देखूंगा – यह जांच होगी कि आपने इन तीन वर्षों…
ध्यान क्या है?
इस छोटी सी घटना को समझें। चांग चिंग के संबंध में कहा जाता है, वह बड़ा कवि था, बड़ा सौंदर्य-पारखी था। कहते हैं, चीन में उस जैसा सौंदर्य का दार्शनिक नहीं हुआ। उसने जैसे सौंदर्य-शास्त्र पर, एस्थेटिक्स पर बहुमूल्य ग्रंथ…
प्रत्येक बच्चा आनंद लेकर पैदा होता है
प्रत्येक बच्चा आनंद लेकर पैदा होता है; और बहुत कम बूढ़े हैं जो आनंद लेकर विदा होते हैं। जो विदा होते हैं उन्हीं को हम बुद्ध कहते हैं। सभी यहां आनंद लेकर जन्मते हैं;आश्र्चर्य विमुग्ध आंखें लेकर जन्मते हैं; आह्लाद…
प्रेम का अर्थ – ओशो
प्रेम सौ बिमारियों का एक ईलाज है , बस प्रेम मे डूबो ,प्रेम में डूबो ,और प्रेम में ही डूबो। तुम कुछ मत करो, सिर्फ प्रेम कर लो.. प्रेम का सार सूत्र क्या है– कि जो तुम अपने लिए चाहते…
जीवन के सब रहस्य उसकी पूर्णता में हैं – ओशो
आज से एक हजार साल पहले सेलवीसियस नाम का एक ईसाई, कैथोलिक फकीर हिंदुस्तान आया। सेलवीसियस बहुत अदभुत आदमियों में से एक था। और बाद में वह कैथोलिक चर्च का पोप बना, हिंदुस्तान से लौटने के बाद। और जितने पोप…
बिल्ली भर मत पालना – एक अनोखी कथा
एक व्यक्ति मरने के करीब था। उसने अपने शिष्य से कहा कि देख, बिल्ली भर मत पालना। मरते वक्त! शिष्य ने पूछा, गुरुदेव, इस सूत्र का अर्थ भी समझा जाइए! किससे पूछूंगा? वेद के ज्ञाता हैं, उपनिषद के ज्ञाता हैं,…