सब खेल उसका, सब द्वंद्व उसके, सारी लीला उसकी।
मैंने सुना है, एक पत्थरों की ढेरी लगी थी एक राजमहल के पास, एक बच्चा खेलता हुआ निकला, उसने एक पत्थर उठाकर राजमहल की खिड़की की तरफ फेंका। फेंका तो बच्चे ने था, लेकिन पत्थर का भी अहंकार होता है।…
आदमी बीज की भांति पेैदा होता है – ओशो
मनुष्य के संबंध में एक बात समझ लेनी जरूरी है: और सारे पशु पूरे के पूरे पैदा होते हैं, आदमी बीज की भांति पैदा होता है, पूरा का पूरा पैदा नहीं होता। यह आदमी की गरिमा भी है और उसके…
जीवन में एक ही बात सीखने जैसी है और वह है जागना
जापान में एक राजा ने अपने युवा लड़के को एक फकीर के पास भेजा। फकीर गांव में आया था, राजधानी में और फकीर ने कहा था, जीवन में एक ही बात सीखने जैसी है और वह है जागना। उस राजा…
जीना पड़ेगा उस मार्ग पर, जहां से जीवन जाता है और वह मार्ग है जागरुकता – ओशो
जापान में एक राजा ने अपने युवा लड़के को एक फकीर के पास भेजा। फकीर गांव में आया था, राजधानी में और फकीर ने कहा था, जीवन में एक ही बात सीखने जैसी है और वह है जागना। उस राजा…
भय से जो व्यवस्था आती है, वह कोई व्यवस्था नहीं है
नसरुद्दीन को एक दफा तैमूरलंग ने बुलाया। तैमूर तो खतरनाक आदमी था। सुना उसने कि नसरुद्दीन की बड़ी प्रसिद्धि है, बड़ा ज्ञानी है और अजीब ही तरह का ज्ञानी था। ज्ञानी होते भी तब ही हैं, जब थोड़े अजीब तरह…
जीवन जल रहा है – ओशो
एक अमावस की गहरी अंधेरी रात्रि की बात है और एक छोटे से गांव की घटना। आधी रात्रि बीत गई थी और सारा गांव नींद में डूबा हुआ था। कुत्ते भी भौंक-भौंक कर सो गए थे कि अचानक एक झोपड़े…
रोने- रोने में फर्क है। दर्द – दर्द में भेद है
लोग समझने लगे कि परमात्मा की तरफ जाने का मतलब बड़े उदास होकर जाना, मुर्दा होकर जाना, लाश की तरह जाना। रोने- रोने में फर्क है। दर्द – दर्द में भेद है। एक तो रोना है जो दु:ख से निकलता…
तंत्र का मूल आधार
बुद्ध के जीवन में एक उल्लेख है। बुद्ध को जिस रात संबोधि लगी, समाधि लगी, उस रात छः वर्ष तक अथक मेहनत करने के बाद उन्होंने सब मेहनत छोड़ दी थी। छः वर्ष तक उन्होंने बड़ी तपश्चर्या की, बड़ा योग…