क्या अंतर्दृष्टि से सब कुछ पाया जा सकता है ?
अब तक इस जगत में जितनी भी परम ज्ञान की बातों का जन्म हुआ है, वे कोई भी बातें तर्क से पैदा नहीं हुईं; वे सभी बातें अंतर्दृष्टि से पैदा हुई हैं। चाहे आर्किमिडीज अपने टब में बैठ कर स्नान…
न तुम्हारे भीतर कुछ बुरा है न तुम्हारे भीतर कुछ भला है। तुम तो मात्र ऊर्जा हो – ओशो
न तुम्हारे भीतर कुछ बुरा है न तुम्हारे भीतर कुछ भला है। तुम तो मात्र ऊर्जा हो…. ऊर्जा अनेक रूपों में प्रकट हो सकती है। ऊर्जा एक सीढ़ी है। लेकिन सीढ़ी का जो नीचा से नीचा पायदान है, वह भी…
लाओत्से और गुरजिएफ की अद्भुत साधना
झेन फकीर अपने साधकों से कहते रहे हैं, जब भी कोई साधक आएगा, तो झेन फकीर उससे कहते हैं कि तू ब्रह्म और आत्मा की बात मत कर। कुछ दिन हम तुझसे जो कहते हैं, वह कर। लकड़ी फाड़, पानी…
ओशो के विचार
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जितने लोगों को पिछले जन्म की याद आती है, वे अधिकतर हिंदू घरों में ही क्यों पैदा होते हैं?
हिंदू जलाते हैं शरीर को। क्योंकि जब तक शरीर जल न जाए, तब तक आत्मा शरीर के आसपास भटकती है। पुराने घर का मोह थोड़ा सा पकड़े रखता है। तुम्हारा पुराना घर भी गिर जाए तो भी नया घर बनाने…
क्रांतिकारी और अद्भुत संत – कबीर
यह कबीर के संबंध में पहली बात समझ लेनी जरूरी है। वहां पांडित्य का कोई अर्थ नहीं है। कबीर खुद भी पंडित नहीं हैं। कहा है कबीर ने: मसि कागज छूयौ नहीं, कलम गही नहिं हाथ।’-कागज कलम से उनकी कोई…
चीनी फ़क़ीर च्वांगत्सु की अद्भुत कहानी जो आपकी ज़िन्दगी बदल देगी |
च्वांगत्सु चीन में हुआ, एक फकीर था। लोगों ने उसे हंसते ही देखा था, कभी उदास नहीं देखा था। एक दिन सुबह उठा और उदास बैठ गया झोपड़े के बाहर! उसके मित्र आये, उसके प्रियजन आये और पूछने लगे, आपको…
शरीर सुंदर वाहन है, इसकी निंदा न करें। – ओशो
यहां बहुत सी बुनियादी बातें समझने जैसी हैं। एक, तुम तुम्हारा शरीर हो। अभी तुम सिर्फ शरीर हो, और कुछ नहीं हो। तुम्हें आत्मा वगैरह के बारे में ख्याल होंगे, लेकिन वे खयाल ही हैं। जैसे तुम अभी हो, शरीर…
क्या दीए की रोशनी से मिट पाएगा यह अंधेरा?
यह अंधेरा कब तक रहेगा? जब तक तुमने स्वयं को शरीर माना है, यह अंधेरा रहेगा। जब तक दीया है, तक तक अंधेरा रहेगा। ज्योति अकेली हो, फिर उसके नीचे कोई अंधेरा नहीं रहेगा। ज्योति सहारे से है। थोड़ी देर…