एक किसान की प्रेरक कहानी
एक किसान ने बड़े दिन तक परमात्मा से पूजा की, प्रार्थना की। परमात्मा ने दर्शन दिये, तो उसके सामने कहा कि बस, मुझे एक ही बात तुमसे कहनी है। तुम्हें किसानी नहीं आती। बेवक्त बादल भेज देते हो। जब बादल…
अपने जीवन मै कभी बीच का रास्ता न अपनाए – सद्गुरु जग्गी वासुदेव
अगर आप अभी मौजूदा चीजों के साथ जुड़ जाते हैं और जो नहीं है, उसकी कल्पना नहीं करते, तो फिर आपके भीतर डर की कोई गुंजाइश ही नहीं बचेगी। आप जीवन का भरपूर आनंद तभी ले सकते हैं। आप अपने…
अच्छी यादों का मज़ा लें, देखें क्या होता है
जैसे-जैसे हम बड़े होते जाते हैं, हमारी यादों का खजाना बढ़ता जाता है। हमारी यादें जीवन की हर चीज की तरह अच्छे और बुरे, सकारात्मक और नकारात्मक का संगम होती हैं। यादें अतीत के अनुभवों के एक भंडार से…
ऐसी क्या बात थी बुद्ध में कि आज असंख्य लोग उनकी वंदना करते हैं
बुद्ध कितने सरल दिखते हैं, तन पर एक मात्र वस्त्र, हाथ में एक मात्र भिक्षापात्र। पर ऐसी क्या बात थी उनमें कि आज असंख्य लोग उनकी वंदना करते हैं। असंख्य लोग उनके पथ का अभ्यास करते हैं। ऐसी क्या बात…
मनुष्य का पूरा जीवन एक गहन तीव्र इच्छा है – ओशो
जमीन के इंच—इंच पर और प्रकृति के इंच—इंच पर और विश्व के इंच—इंच पर बनाने वाले की छाप है। यहां एक भी चीज निष्प्रयोजन नहीं मालूम पड़ती। और प्रत्येक चीज के भीतर एक गहन अनुपात है। अगर हम इनकार करे…
विकास की अंतिम संभावना, विकास का जो अंतिम रूप है, विकास की जो हम कल्पना कर सकते हैं, वह ईश्वर है।
यह जगत भी अपने समस्त रूपों में एक गहन इच्छा की सूचना देता है। यहां कोई भी चीज अकारण होती मालूम नहीं हो रही है। यहां प्रत्येक चीज विकासमान होती मालूम पड़ती है। डार्विन ने जब पहली बार विकास का,…
Hindi Quote – Lao Tzu
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हमारी भौतिक देह के साथ और छह काया जुड़ी हुई है
वास्तव में हमारी भौतिक देह के साथ और छह काया जुड़ी हुई है। उसमें से जो तीसरा शरीर जो है वह शूक्ष्म शरीर है। महावीर कहते थे,”वह जो सूक्ष्म शरीर है उस मे सूखी रेखाए बन जाती है उसकी ,जो…
वुल्फस मैसिंग के जीवन की अविश्वनीय घटना जो एक चमत्कार से कम नहीं |
1910 में जर्मनी की एक ट्रेन में एक पन्द्रह-सोलह वर्ष का युवक बैंच के नीचे छिपा हुआ था। उसके पास टिकट नहीं था। वह घर से भाग खड़ा हुआ है। उसके पास पैसा भी नहीं है। फिर तो बाद में…
सुख में जीना, सुख मांगना मत…..!
जो भी हो, उसमें खोज करना कि सुख कहां मिल सकता है, कैसे मिल सकता है। तब एक रूखी सूखी रोटी भी सुख दे सकती है, अगर तुम्हें लेने का पता है। तब साधारण सा जल भी गहरी तृप्ति बन…