सुनहरा पत्ते
एक बार जब ज़ेन मास्टर जापान के राजा को बागवानी की कला सिखा रहा था। तीन साल के शिक्षण के बाद उन्होंने कहा, “अब मैं आऊंगा और अपने बगीचे को देखूंगा – यह जांच होगी कि आपने इन तीन वर्षों…
ध्यान क्या है?
इस छोटी सी घटना को समझें। चांग चिंग के संबंध में कहा जाता है, वह बड़ा कवि था, बड़ा सौंदर्य-पारखी था। कहते हैं, चीन में उस जैसा सौंदर्य का दार्शनिक नहीं हुआ। उसने जैसे सौंदर्य-शास्त्र पर, एस्थेटिक्स पर बहुमूल्य ग्रंथ…
प्रत्येक बच्चा आनंद लेकर पैदा होता है
प्रत्येक बच्चा आनंद लेकर पैदा होता है; और बहुत कम बूढ़े हैं जो आनंद लेकर विदा होते हैं। जो विदा होते हैं उन्हीं को हम बुद्ध कहते हैं। सभी यहां आनंद लेकर जन्मते हैं;आश्र्चर्य विमुग्ध आंखें लेकर जन्मते हैं; आह्लाद…
प्रेम का अर्थ – ओशो
प्रेम सौ बिमारियों का एक ईलाज है , बस प्रेम मे डूबो ,प्रेम में डूबो ,और प्रेम में ही डूबो। तुम कुछ मत करो, सिर्फ प्रेम कर लो.. प्रेम का सार सूत्र क्या है– कि जो तुम अपने लिए चाहते…
एक कौए और हाथी की लाश
नदी में हाथी की लाश बही जा रही थी। एक कौए ने लाश देखी, तो प्रसन्न हो उठा, तुरंत उस पर आ बैठा। यथेष्ट मांस खाया। नदी का जल पिया। उस लाश पर इधर-उधर फुदकते हुए कौए ने परम तृप्ति…
जीवन के सब रहस्य उसकी पूर्णता में हैं – ओशो
आज से एक हजार साल पहले सेलवीसियस नाम का एक ईसाई, कैथोलिक फकीर हिंदुस्तान आया। सेलवीसियस बहुत अदभुत आदमियों में से एक था। और बाद में वह कैथोलिक चर्च का पोप बना, हिंदुस्तान से लौटने के बाद। और जितने पोप…
बिल्ली भर मत पालना – एक अनोखी कथा
एक व्यक्ति मरने के करीब था। उसने अपने शिष्य से कहा कि देख, बिल्ली भर मत पालना। मरते वक्त! शिष्य ने पूछा, गुरुदेव, इस सूत्र का अर्थ भी समझा जाइए! किससे पूछूंगा? वेद के ज्ञाता हैं, उपनिषद के ज्ञाता हैं,…
ओशो के प्रेरक उद्धरण
“भीड़ से संबंधित नहीं; कभी एक राष्ट्र से संबंधित नहीं है; कभी धर्म से संबंधित नहीं है; कभी भी दौड़ से संबंधित नहीं है। पूरे अस्तित्व के साथ। खुद को छोटी चीजों तक सीमित क्यों करें? जब पूरा हो। ”…
एक बहुत ही विशेष बैंक खाता – एक प्रेरक कहानी
कल्पना कीजिए कि आपके पास एक बैंक खाता था जिसने हर सुबह 86,400 जमा किया था। खाते में दिन-प्रतिदिन कोई शेष राशि नहीं होती है, जिससे आप नकद शेष राशि नहीं रख सकते हैं, और हर शाम उस दिन के…
सब खेल उसका, सब द्वंद्व उसके, सारी लीला उसकी।
मैंने सुना है, एक पत्थरों की ढेरी लगी थी एक राजमहल के पास, एक बच्चा खेलता हुआ निकला, उसने एक पत्थर उठाकर राजमहल की खिड़की की तरफ फेंका। फेंका तो बच्चे ने था, लेकिन पत्थर का भी अहंकार होता है।…